लत लग जाना
बस अब क्या? हम उस फोन के व्यसन मै ढल चुके हैं अब तो फोन की आदत सी हो गई होगी है ना...। फोन ना होने पर तनाव गुस्सा और अनिद्रा उदासीनता बन जाती है घर में भी झगड़े वह शांति चुप्पी भरी जोकि एक अकेलेपन की भूतिया हवेली बना देती है।
बच्चे भी देख देख कर बस एक गलतफहमी बना लेते हैं की फोन ही उनकी दुनिया है। और फोन के बिना जीवन असंभव है ।