स्पष्ट झलक
अंकित होने वाले गैर परस्पर संवादात्मक व्यक्तित्व की श्रेणी में आते हैं क्यूंकि अपनी इंसानी रूपरेखा और हरकतों के बावजूद वह अपनी परिस्थितियों से बिलकुल अनजान होते हैं | एक और खुबी जो इन भूतों की अपने परस्पर संवेदात्मक दोस्तों से भिन्न करती है वह यह है की इन्हें एक ही हरकत को बार बार करने की आदत होती है | एक ही गलियारे से बार बार निकलना या एक ही खिड़की से बार बार बाहर झांकना इस प्रकार के व्यक्तित्व की खासियत होती है | दर्शक ऐसे व्यक्तित्वों से संपर्क नहीं कर पाते हैं और ना ही बार बार एक ही कार्य को करने की उनकी आदत में विघ्न डाल पाते हैं | अंकित होना नाम इस तथ्य से जुड़ा है की ये भूत एक ही जगह और एक ही व्यव्हार में बंधे या अंकित होते हैं |
कुछ लोग दलील देते हैं की ये लोग वाकई में भूत नहीं है , अपितु एक ऐसे शक्स जो यहाँ रहता था उसकी रोज़ मर्रा के कार्य को करने की क्रिया की तस्वीर का एक रूहानी रूपांतर है | ये तस्वीर किसी तरह से वातावरण में कैद हो गयी है और कुछ परिस्थितियों में और लोगों के देखने के लिए दोहराई जाती है |