ध्यान से सुनें
एक बार हम बच्चे से नजदीकी बढ़ाएंगे , वह अपने मन की भावना आपसे बांटने में संकोच नहीं करेगा | हम सर को हिला कर और बीच में जवाब दे बच्चे को ये इशारा कर सकते हैं की आप उसकी बात समझ रहे हैं | हमारा ध्यान देख एक खुली वार्ता की सम्भावना हो जाती है और आसानी से उसके ख्याल और भावनाएं अभिव्यक्त होते हैं |