पांडव पुत्र
युद्ध के नियम के मुताबिक रात में वार नहीं कर सकते थे | लेकिन दुर्योधन ने मरने से पहले अश्वत्थामा को कौरव सेना का सेनापति बनाया था | उसने रात को पांडवों के शिविर में घुस कर धृष्टद्युम्न, युधामन्यु के अलावा द्रौपदी के पांचों पुत्रों का वध कर दिया | यही नहीं उसने उत्तरा के पेट में अभिमन्यु के अंश पर भी ब्रह्मास्त्र छोड़ दिया | तभी कृष्ण वहां पहुँच गए और उन्होनें उस अजन्मे बच्चे तो बचा लिया | लेकिन इस हरकत के लिए कृष्ण ने अश्वत्थामा को सदा जीवित रह सालों तक अपने किये की सजा भुगतने का श्राप दे दिया |