अनिष्टकारी विद्या-मूठ (Hindi)
वीरभद्र
||ॐ हडुमान हठीला|| दे वज्र का ताला|| ||तो हो गया उजाला|| हिन्दू का देव|| ||मुसमान का पीर|| वो चलै अनरथ|| ||रैण का चलै|| वो चलै पाछली रैण को चलै|| ||जा बैठे वेरी की खाट|| दूसरी घडी|| ||तीसरी ताली वैरी की खाट मसाण में||READ ON NEW WEBSITE