प्रेम रस मेंहदी का (Hindi)
वीरभद्र
मेंहदी में दिया मेंहदी मे कई कलाएँ छिपी हुई हैं। जैसे मेह में कई कलाओं के रूप है। मेह है तो सब कुछ है। प्रकृति की सारी हरीतिमा है। रूप, रस, रंग और लावण्य है। ऐसे ही मेहदी में सब कुछ है। यह अपने में कई कलारंगों को रूपायित करने वाली है। है कोई ऐसा अन्य झाड़ जो लगता है, बंटता है, मडता है, रचना है और रस देता है प्रेम का, सुहाग का, सौभाग्य का, जीवन का।READ ON NEW WEBSITE