जब से लगन लगी प्रभु तेरी
जब से लगन लगी प्रभु तेरी
जब से लगन लगी प्रभु तेरी सब कुछ मैं तो भूल गयी हूँ ..
बिसर गयी क्या था मेरा बिसर गयी अब क्या है मेरा .
अब तो लगन लगी प्रभु तेरी तू ही जाने क्या होगा ..
जब मैं प्रभु में खो जाती हूं मेघ प्रेम के घिर आते हैं .
मेरे मन मंदिर मे प्रभु के चारों धाम समा जाते हैं ..
बार बार तू कहता मुझसे जग की सेवा कर तू मन से .
इसी में मैं हूं सभी में मैं हूं तू देखे तो सब कुछ मैं हूं ..