पीरी रिस नक्षा
१५१३ ऐ डी के समय का एक नक्षा , जिसे शायद पीरी रिस , जो की एक तुर्क एडमिरल और मानचित्रकार थे ; ये मध्य समय का चर्मपत्र (चिकारे त्वचा से बना) यूरोप, अफ्रीका, कैरेबियन द्वीप समूह और यहां तक कि दक्षिण अमेरिका की तट सीमाओं को पर्याप्त सटीकता के साथ दिखाता है | इससे भी रुचिकर बात ये है की रिस ने नक्षा बनाते वक़्त इस्तेमाल किये गए सूत्रों के भी नाम लिखे हैं और उस सूची में शामिल हैं दुनिया के अलग हिस्सों से प्राप्त किये गए चार्ट ,जैसे प्राचीन यूनानी मिस्र के टॉलेमी नक्शे, शुरुआती अरबी नक्शे जो कि भारत को दर्शाते हैं , शुरुआती भारत में बने नक़्शे (जिनकी आगे पुर्तगालियों ने नकल की थी ) और सबसे प्रसिद्द क्रिस्टोफर कोलंबस का खोया हुआ नक्षा |
इस सन्दर्भ में नक़्शे का महत्त्व पुराने समय के लोगों की अमेरिका की खोज की हद को दर्शाना है | इसी सम्बन्ध में चर्मपत्र दक्षिण अमेरिका के उत्तरी हिस्से और उसकी अफ्रीका से दूरी को काफी प्रभावशाली रूप से दर्शाता है | दूसरी तरफ उत्तर अमेरिका ( कॅरीबीयन को छोड़) के प्रदर्शन में काफी कमियां है , जैसे अन्तिलिया नाम के एक भूभाग को दर्शाना जो शायद नोवा स्कोटिआ का इलाका है , मशहूर संत ब्रेंडन की यात्रा की मंजिल |
लेकिन पीरी रिस नक़्शे पर हाल में उठा विवाद उसकी अंटार्टिका की क्वीन मोड लैंड तट को दर्शाने पर उठा है | ये सोच काफी आकर्षित करती है (हांलाकि विशेषज्ञों ने इसे ख़ारिज कर दिया है) क्यूंकि केप हॉर्न की खोज (दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी बिंदु के नीचे ) 6 साल बाद फर्डिनेंड मैगलन की यात्राओं के दौरान हुई थी | लेकिन सबसे ज्यादा चकित करने वाली बात ये है की इस नक़्शे में एंडीज पर्वतों ,एक ऐसा क्षेत्र जिसकी पुराने समय के नाविकों ने १५२४ ऐ डी के फ्रांसिस्को पिज़र्रो से पहले भरपूर खोज नहीं की थी (नक़्शे की तिथि के ११ साल बाद), को बिलकुल सटीक रूप से दिखाया है|