ख़याल
ख़यालों का एक जहान है
तेरा मेरा साथ लिखा वहां है
जिन्हें मैं तुम से रूबरू हो ना कह सकूं
ऐसी कहानियों के सिलसिलों का वो मकान है
वहां मेरे चुप्पियों से सिले होंठ खुले हुए है
अरमानों के अलग अलग ख़ेमे लगे हुए है
हर ख़ेमे में मैंने सोची हमारी एक कहानी है
जहां ले जाकर तुम्हें मुझे वो सुननी है
जज्बातों से भरा दिल,
सुंदर गुलदस्ते की तरह तुम्हारे सामने रखना है
सच्चाई में शायद हो ना हो,
पर मेरे खयालों में तुम्हें हमेशा मेरे साथ रखना है।
-KC