Get it on Google Play
Download on the App Store

कर्मयोग 11

धार्मिक युद्धाचा विकास

जैन आणि बौध्द धर्माच्या प्रभावाने वैदिक हिंसा बंद पडली. पण क्षत्रियाक्षत्रियांतील धार्मिक युध्द या देशांत कायम राहिलें; त्यांच्या भाऊबंदकीला उत्तेजन मिळालें. तशा धार्मिक युध्दाचा विकास महंमद पैगंबराने केला. आपसांत युध्द करणें योग्य नसून इतर संप्रदायांच्या लोकांवर जिहाद (युध्द ) पुकारणें अत्यंत धार्मिक आहे, असें त्याने प्रतिपादिलें. त्याची प्रतिक्रिया ख्रिस्ती धर्मयुध्दांनी (क्रुसेडस्नी) घडून आली; आणि त्या सर्वांचा लोप देशाभिमाने केला.आज तो अभिमान अत्यंत धार्मिक समजला जातो. त्याच्यासाठी कोणतेंही कुकर्म करणें योग्य ठरतें. पण त्यामुळेच सर्व मनुष्यजाति विषम मार्गांत सापडली आहे. त्यांतून बाहेर निघण्याला बुध्दाच्या कर्मयोगाशिवाय दुसरा मार्ग असूं शकेल काय?

भगवान बुद्ध (उत्तरार्ध)

धर्मानंद कोसंबी
Chapters
आत्मवाद 1 आत्मवाद 2 आत्मवाद 3 आत्मवाद 4 आत्मवाद 5 आत्मवाद 6 आत्मवाद 7 आत्मवाद 8 आत्मवाद 9 आत्मवाद 10 आत्मवाद 11 आत्मवाद 12 कर्मयोग 1 कर्मयोग 2 कर्मयोग 3 कर्मयोग 4 कर्मयोग 5 कर्मयोग 6 कर्मयोग 7 कर्मयोग 8 कर्मयोग 9 कर्मयोग 10 कर्मयोग 11 यज्ञयाग 1 यज्ञयाग 2 यज्ञयाग 3 यज्ञयाग 4 यज्ञयाग 5 यज्ञयाग 6 यज्ञयाग 7 यज्ञयाग 8 यज्ञयाग 9 यज्ञयाग 10 यज्ञयाग 11 यज्ञयाग 12 यज्ञयाग 13 जातिभेद 1 जातिभेद 2 जातिभेद 3 जातिभेद 4 जातिभेद 5 जातिभेद 6 जातिभेद 7 जातिभेद 8 जातिभेद 9 जातिभेद 10 जातिभेद 11 जातिभेद 12 जातिभेद 13 जातिभेद 14 जातिभेद 15 मांसाहार 1 मांसाहार 2 मांसाहार 3 मांसाहार 4 मांसाहार 5 मांसाहार 6 मांसाहार 7 मांसाहार 8 मांसाहार 9 मांसाहार 10 दिनचर्या 1 दिनचर्या 2 दिनचर्या 3 दिनचर्या 4 दिनचर्या 5 दिनचर्या 6 दिनचर्या 7 दिनचर्या 8 दिनचर्या 9 दिनचर्या 10 दिनचर्या 11 दिनचर्या 12 *परिशिष्ट 1 *परिशिष्ट 2 *परिशिष्ट 3 *परिशिष्ट 4 *परिशिष्ट 5 *परिशिष्ट 6 *परिशिष्ट 7 *परिशिष्ट 8 *परिशिष्ट 9 *परिशिष्ट 10 *परिशिष्ट 11 *परिशिष्ट 12 *परिशिष्ट 13 *परिशिष्ट 14 *परिशिष्ट 15 *परिशिष्ट 16 *परिशिष्ट 17 *परिशिष्ट 18 *परिशिष्ट 19 *परिशिष्ट 20 *परिशिष्ट 21 *परिशिष्ट 22 *परिशिष्ट 23