कला क्षेत्र में
पुनर्जन्म कई फिल्मों का आधार बन चुका है जैसे मधुमती (१९५८) जो इस विषय पर बनाई गयी शुरुआती फिल्मों में से एक है | २०१० की थाई फिल्म अंकल बून्मी हु कैन रिकॉल हिज पास्ट लाइवस को २०१० कैनंस फिल्म फेस्टिवल में पाल्मे डोर पुरुस्कार मिला था | जॉन कारिगिए का गाना “सो मेनी लाइवस” को पुनर्जन्म के प्यार का गाना कहा जाता है और एक ऐसे किरदार की कहानी है जो कैटरपिलर से लेकर मधुमक्खी ,स्पर्म व्हेल और अंत में चिंपांज़ी का रूप लेता है | १९७४ की सत्यजित रे द्वारा निर्देशित मूवी सोनार केल्ला में मुकुल के किरदार का पुनर्जन्म हुआ है और वही कहानी का मुख्य आधार है |