Get it on Google Play
Download on the App Store

१९३४ :आख़िरी पलायन

१६ जनवरी १९३४ को बैरो ने “ईस्टहेम जेल” से रेमंड हैमिलटन , हेनरी मेथ्विन और अन्य कई लोगों को भागने में मदद की | इससे टेक्सस की काफी बदनामी हुई और ऐसा लगा जैसे बैरो ने शायद अपना बदला ले लिया था | जेल से भागते समय जो पामर ने जेल के अधिकारी जो क्रोव्सोन को गोली मार दी | जब क्रोव्सोन ज़िन्दगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा था तब जेल के अध्यक्स ली सिम्मोंस ने उसको वादा किया की इस साजिश में शामिल सभी लोगों को ढूंढ कर मारा जाएगा | सब को मार दिया गया सिर्फ हेनरी मेथ्विन को छोड़कर क्यूंकि उसने बैरो और पार्कर को पुलिस को सौंपने का वादा किया था |

१ अप्रैल १९३४ को बैरो और हेनरी मेथ्विन ने  ग्रेपवाइन टेक्सस के पास दो पुलिस अफसरों एच डी मर्फी और एडवर्ड ब्रेंट व्हीलर  की गोली मार हत्या कर दी | एक गवाह ने बताया की बैरो और पार्कर ने गोलियां चलायी थीं जिससे ये खबर काफी फ़ैल गयी , लेकिन अंत में यी बात झूठी साबित हुई | मेथ्विन ने माना की उसने पहले गोली चलायी थी ये सोच की बैरो उन अफसरों को मारना चाहता है ; उसने ये भी बताया की पार्कर तो उन अफसरों की मदद करना चाहती  थी | बाद में बैरो ने मर्फी पर गोली चलायी | शायद पार्कर उस समय पिछली सीट पर सो रही थीं और उनका इस हमले में कोई हाथ नहीं था |

 

१९३४ की शुरुआत में हुए इन कत्लों को विस्तार से जनता के सामने पेश किया गया जिससे जनता का रवैय्या बदल गया ;सभी अख़बारों ने एक गवाह की खबर छापी जिसके मुताबिक उसने मर्फी का सर गिरने पर पार्कर को हँसते देखा था | कुछ दिनों बाद मर्फी के अंतिम संस्कार में उसकी मंगेतर अपना शादी का जोड़ा पहन के पहुंची | गवाह के बयान को झूठा साबित कर दिया गया लेकिन पार्कर के विरुद्ध इस नकरात्मक अभियान से जनता में बुर्रो गिरोह को ख़तम करने की मांग बढ़ने लगी |

 

इस सार्वजानिक शोर से अधिकारी हरकत में आ गए : कातिलों के सर पर इनाम रख दिए गए खास तौर से बोनी के नाम के क्यूंकि गवाह के मुताबिक मर्फी के क़त्ल की ज़िम्मेदार वो थी | पांच  दिन बाद जब बैरो और मेथ्विन ने कॉमर्स ओक्लाहोमा में एक विदुर बाप हवालदार विलियम कैम्पबेल को गोली मार दी तो जनता का आक्रोश और बढ़ गया | डलास जर्नल ने अपने सम्पादकीय पृष्ट पर एक कार्टून छापा जिसमें टेक्सस की इलेक्ट्रिक चेयर खाली थी पर उस पर लिखा था सुरक्षित क्लाइड और बोनी के लिए|