क्यों है भगवान शिव के मस्तक पर चंद्रमा?
भगवान शिव को भालचंद्र नाम से भी जानते है। भालचंद्र का मतलब है मस्तक पर चंद्रमा धारण करने वाला। चंद्रमा का स्वभाव शीतल होता है। चंद्रमा की किरणें भी औरों को शीतलता प्रदान करती हैं। जिंदगी के दृष्टिकोण से देखा जाए तो भगवान शिव भी यही कहते हैं कि जीवन में कितनी भी बड़ी समस्या क्यों न आ जाए, दिमाग को हमेशा शांत ही रखना चाहिए। यदि दिमाग शांत रहेगा तो कोई भी बड़ी से बड़ी समस्या का हल भी निकल आएगा। ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का ग्रह माना गया है। मन की प्रवृत्ति बहुत चंचल होती है। भगवान शिव का चंद्रमा को धारण करने का मतलब है कि अपने मन को सदैव अपने काबू में रखना चाहिए। मन भटकेगा तो लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो पाएगी। जिसने अपने मन पर नियंत्रण कर लिया, वह अपने जीवन में कठिन से कठिन लक्ष्य को भी आसानी से पा लेता है।