गोविन्दस्तोत्रम्
श्री कल्याणी देवी विरचितम् ।
श्रीवर बालक रिङ्खणतत्पर पद्मदलायतलोचन देव ।
कुन्तलसन्ततिराजितसन्मुख देवकिनन्दन गोविन्द वन्दे ॥१॥
हाटकनूपुरशक्वरिपूर्वकभूषणभूषित श्यामलदेह ।
कुन्तलसन्ततिराजितसन्मुख देवकिनन्दन गोविन्द वन्दे ॥२॥
देवकिनन्दन नन्दवन्दित मध्वविभीषणसान्द्रसरोज ।
कुन्तलसन्ततिराजितसन्मुख देवकिनन्दन गोविन्द वन्दे ॥३॥
अद्वयविक्रम गोविन्दकिङ्कर श्रीमध्ववल्लभ गुरुतर नमः ।
कुन्तलसन्ततिराजितसन्मुख देवकिनन्दन गोविन्द वन्दे ॥४॥
॥ इति श्रीमत्कल्याणीदेवी विरचितं गोविन्दस्तोत्रं संपूर्णम् ॥
श्रीवर बालक रिङ्खणतत्पर पद्मदलायतलोचन देव ।
कुन्तलसन्ततिराजितसन्मुख देवकिनन्दन गोविन्द वन्दे ॥१॥
हाटकनूपुरशक्वरिपूर्वकभूषणभूषित श्यामलदेह ।
कुन्तलसन्ततिराजितसन्मुख देवकिनन्दन गोविन्द वन्दे ॥२॥
देवकिनन्दन नन्दवन्दित मध्वविभीषणसान्द्रसरोज ।
कुन्तलसन्ततिराजितसन्मुख देवकिनन्दन गोविन्द वन्दे ॥३॥
अद्वयविक्रम गोविन्दकिङ्कर श्रीमध्ववल्लभ गुरुतर नमः ।
कुन्तलसन्ततिराजितसन्मुख देवकिनन्दन गोविन्द वन्दे ॥४॥
॥ इति श्रीमत्कल्याणीदेवी विरचितं गोविन्दस्तोत्रं संपूर्णम् ॥