रामचंद्राचीं आरती - दशरथ राजकुमारा धृत मुक्ता...
दशरथ राजकुमारा धृत मुक्ताहारा ॥
शरयूतीर विहारा शमित क्षितिभारा ॥
करुणा पारावारा कपिगण परिवारा ॥
निर्गत निखिल विकारा निगमागम सारा ॥ १ ॥
जय देव जयदेव जय सीतारामा ॥
सजल बलाहक श्यामा सच्चित्सुखधामा ॥ धृ. ॥
रविकुल राजललामा रम्यगुण ग्रामा ॥
रुप विनिर्जित कामा रुद्रस्तुत नामा ॥
परिपालित सुत्रामा पूर्णस कलकामा ॥
विश्वविलास विरामा ॥
विठ्ठल विश्रामा ॥
जय देव जय देव जय सीतारामा ॥ २ ॥