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॥ मंगलाचरणम् ॥

स जयति सिन्धुरवदनो देवो यत्पादपङ्कजस्मरणम् ॥ वासरमणिरिव तमसां राशिं नाशयति विघ्नानाम् ॥१॥
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ॥ या ब्रह्माच्युतशंकर प्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥२॥
मूकं करोति वाचालं पंगुं लंधयते गिरिम् ॥ यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्दमाधवम् ॥३॥
नारायणं नमस्कृत्य नरं चैव नरोत्तमम् ॥ देवीं सरस्वतीं व्यासं ततो जयमुदीरयेत् ॥४॥
वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम् ॥ देवकीपरमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ॥५॥
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुर्गुरुर्देवो महेश्वरः ॥ गुरुरेव परं ब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥६॥    ॥    ॥

श्री भक्तविजय

Shivam
Chapters
॥ मंगलाचरणम् ॥ आरती श्रीविठ्ठलाची, प्रार्थना - आरती श्रीविठ्ठलाची युगें ... अध्याय १ अध्याय २ अध्याय ३ अध्याय ४ अध्याय ५ अध्याय ६ अध्याय ७ अध्याय ८ अध्याय ९ अध्याय १० अध्याय ११ अध्याय १२ अध्याय १३ अध्याय १४ अध्याय १५ अध्याय १६ अध्याय १७ अध्याय १८ अध्याय १९ अध्याय २० अध्याय २१ अध्याय २२ अध्याय २३ अध्याय २४ अध्याय २५ अध्याय २६ अध्याय २७ अध्याय २८ अध्याय २९ अध्याय ३० अध्याय ३१ अध्याय ३२ अध्याय ३३ अध्याय ३४ अध्याय ३५ अध्याय ३६ अध्याय ३७ अध्याय ३८ अध्याय ३९ अध्याय ४० अध्याय ४१ अध्याय ४२ अध्याय ४३ अध्याय ४४ अध्याय ४५ अध्याय ४६ अध्याय ४७ अध्याय ४८ अध्याय ४९ अध्याय ५० अध्याय ५१ अध्याय ५२ अध्याय ५३ अध्याय ५४ अध्याय ५५ अध्याय ५६ अध्याय ५७