दत्त आरती - ओंवाळूं आरती ॥ गुरूसी ॥ ओ...
ओंवाळूं आरती ॥ गुरूसी ॥ ओंवाळूं आरती ॥धृ.॥
तनुमनधन वाती जाळुनी । भक्ति तेल वरुती ॥१॥
स्वयंप्रकाश दीप्ति उजळुनी ॥ हरूं द्वैतभ्रांति ॥२॥
त्रिपुटीरहित सद्गुरु अवधूता ॥ दत्ता प्रेम चित्तीं ॥३॥(पंतमहाराज)
तनुमनधन वाती जाळुनी । भक्ति तेल वरुती ॥१॥
स्वयंप्रकाश दीप्ति उजळुनी ॥ हरूं द्वैतभ्रांति ॥२॥
त्रिपुटीरहित सद्गुरु अवधूता ॥ दत्ता प्रेम चित्तीं ॥३॥(पंतमहाराज)