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चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 3

शेरअलीखां बड़ी इज्जत और आबरू के साथ घर भेजे गये, उनके सेनापति महबूबखां को भी छुट्टी मिली, भैरोसिंह मनोरमा की फिक्र में गए, तारासिंह नानक के घर चले और कुछ फौजी सिपाहियों के साथ नकली बलभद्रसिंह, लक्ष्मीदेवी, कमलिनी और लाडिली को लिये हुए इन्द्रदेव ने अपने गुप्त स्थान की तरफ प्रस्थान किया। भूतनाथ बातें करता हुआ उन्हीं के साथ चल पड़ा और थोड़ी दूर जाने के बाद आज्ञा लेकर अपने अड्डे की तरफ रवाना हुआ जो बराबर की पहाड़ी पर था और देवीसिंह ने न मालूम किधर का रास्ता लिया। राजा वीरेन्द्रसिंह की सवारी भी उसी दिन चुनारगढ़ की तरफ चली और तेजसिंह राजा साहब के साथ गये।

हम सबके पहिले तारासिंह के साथ चलकर नानक के घर पहुंचते हैं और उसकी जगतप्रिय स्त्री की अवस्था पर ध्यान देते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि लड़कपन में नानक उत्साही था और उसे नाम पैदा करने की बड़ी लालसा थी परन्तु रामभोली के प्रेम ने उसका खयाल बदल दिया और उसमें खुदगर्जी का हिस्सा कुछ ज्यादे हो गया। आखीर में जब उसने श्यामा नामी एक स्त्री से शादी कर ली जिसका जिक्र कई दफे लिखा जा चुका है, तब से तो उसकी बुद्धि बिल्कुल ही भ्रष्ट हो गई। नानक की स्त्री श्यामा बड़ी चतुर, लालची और कुलटा थी मगर नानक उसे पतिव्रता और साध्वी जानकर माता के समान उसकी इज्जत करता था। नानक के नातेदार और दोस्तों की आमदरफ्त उसके घर में विशेष थी। श्यामा को रुपये-पैसे की कमी न थी और वह अपनी दौलत जमीन के अन्दर गाड़कर रक्खा करती थी जिसका हाल सिवाय एक नौजवान खिदमतगार के जिसका नाम हनुमान था और कोई भी नहीं जानता था। हनुमान यद्यपि नानक का नौकर था परन्तु इस सबब से कि उसकी मां कुछ दिनों तक भूतनाथ की खिदमत में रह चुकी थी वह अपने को नौकर नहीं समझता था बल्कि घर का मालिक समझता था। नानक की स्त्री उसे बहुत चाहती थी। यहां तक कि एक दिन उसने अपने मुंह से उसे अपना देवर स्वीकार किया था। इस सबब से वह और भी सिर चढ़ गया था। नानक के यहां एक मजदूरनी भी थी, वह नानक के काम की चाहे न हो मगर उसकी स्त्री के लिए उपयोगी पात्र थी और उसके द्वारा नानक की स्त्री का बहुत काम निकलता था।

तारासिंह अपने दो चेलों को साथ लिए रोहतासगढ़ से रवाना होकर भेष बदले हुए तीसरे ही दिन नानक के घर पहुंचा। ठीक दोपहर का समय था और नानक अपने किसी दोस्त के यहां गया हुआ था, मगर उसका प्यारा खिदमतगार हनुमान दरवाजे पर बैठा अपने पड़ोसी साईसों, कोचवानों के साथ गप्पें लड़ा रहा था। तारासिंह थोड़ी देर तक इधर-उधर टहलता और टोह लेता रहा। जब उसे मालूम हो गया कि हनुमान नानक का प्यारा नौकर है और उम्र में भी अपने से बड़ा नहीं है तो वहां से लौट और कुछ दूर जाकर किसी सुनसान अंधेरी गली में मकान किराए पर लेने का बन्दोबस्त करने लगा। संध्या होने के पहिले ही इस काम में भी निश्चिन्ती हो गई अर्थात् उसने एक बहुत बड़ा मकान किराये पर ले लिया जो मुद्दत से खाली पड़ा हुआ था क्योंकि लोग उसे भूत-प्रेतों का वास समझते थे और कोई उसमें रहना पसन्द नहीं करता था। उसमें जाने के लिए तीन रास्ते थे और उसके अन्दर कई कोठरियां ऐसी थीं कि यदि उसमें किसी को बन्द कर दिया जाय तो हजार चिल्लाने और ऊधम मचाने पर भी किसी बाहर वाले को खबर न हो। तारासिंह ने उसी मकान में डेरा जमाया और बाजार आकर दो ही घण्टे में वे सब चीजें खरीद लाया जिनकी उसने जरूरत समझी और जो एक अमीराना ढंग से रहने वाले आदमी के लिए आवश्यक थीं। इस काम से भी छुट्टी पाकर उसने मोमबत्ती जलाई और आईना तथा ऐयारी का बटुआ सामने रखकर अपनी सूरत बदलने का उद्योग करने लगा। शीघ्र ही एक खूबसूरत नौजवान अमीर की सूरत बनाकर वह घर से बाहर निकला और मकान में एक चेले को छोड़कर नानक के घर की तरफ रवाना हुआ। दूसरा चेला जो तारासिंह के साथ था उसे बहुत-सी बातें समझाकर दूसरे काम के लिए भेजा।

जब तारासिंह नानक के मकान पर पहुंचा तो उसने हनुमान को दरवाजे पर बैठा पाया। इस समय हनुमान अकेला था और हुक्का पीने का बन्दोबस्त कर रहा था। उसके पास ही ताक (आला) पर एक चिराग जल रहा था जिसकी रोशनी चारों तरफ फैल रही थी। तारासिंह हनुमान के पास जाकर खड़ा हो गया। हनुमान ने बड़े गौर से उसकी सूरत देखी और रोब में आकर हुक्का छोड़के खड़ा हो गया। उस समय चिराग की रोशनी में तारासिंह बड़े शान-शौकत का आदमी मालूम पड़ रहा था। खूबसूरती बनाने की तारासिंह को जरूरत न थी क्योंकि वह स्वयं खूबसूरत और नौजवान आदमी था परन्तु रूप बदलने की नीयत से उसने अपने चेहरे पर रोगन जरूर लगाया था जिससे वह इस समय और भी खूबसूरत और शौकीन जंच रहा था।

तारासिंह को देखते ही हनुमान उठ खड़ा हुआ और हाथ जोड़कर बोला, “हुक्म!”

तारा - हमारे साथ एक नौकर था वह राह भूलकर न मालूम कहां चला गया। उम्मीद थी कि वह हमको ढूंढ़ने के बाद सीधा घर पर चला जायगा, मगर इस समय प्यास के मारे हमारा गला सूखा जा रहा है।

हनुमान - (एक छोटी चौकी की तरफ इशारा करके) सरकार इस चौकी पर बैठ जायें मैं अभी पानी लाता हूं।

इतना सुनकर तारासिंह चौकी पर बैठ गया और हनुमान पानी लाने के लिए अन्दर चला गया। थोड़ी ही देर में पानी का भरा हुआ एक लोटा और गिलास लिए हनुमान बाहर आया और तारासिंह को पीने के लिए पानी गिलास में डालकर दिया। उस समय तारासिंह ने दरवाजे का पर्दा हिलते हुए देखा और यह भी मालूम किया कि कोई औरत भीतर से झांक रही है। पानी पीने के बाद तारासिंह ने पांच रुपये हनुमान के हाथ में दिये और वहां से उठकर दूसरी तरफ का रास्ता लिया।

हनुमान केवल एक गिलास पानी पिलाने के बदले में पांच रुपये पाकर बड़ा ही प्रसन्न हुआ और दाता की अमीरी पर आश्चर्य करने लगा। उसे विश्वास हो गया कि यह कोई बड़ा अमीर आदमी या कोई राजकुमार है और साथ ही इसके दिल का अमीर तथा जी खोलकर देने वाला भी है।

दूसरे दिन संध्या के पहिले ही हनुमान ने तारासिंह को अपने दरवाजे के सामने से जाते देखा और उसके साथ एक नौकर को भी देखा जो बड़े शान के साथ कीमती कपड़े पहिरे और तलवार लगाए तारासिंह के पीछे-पीछे जा रहा था। हनुमान ने उठकर तारासिंह को बड़े अदब के साथ सलाम किया। तारासिंह ने अपने नौकर को जो वास्तव में उसका चेला था कुछ कहकर हनुमान के पास छोड़ा और आगे का रास्ता लिया।

तारासिंह के नौकर में और हनुमान में दो घण्टे तक खूब बातचीत हुई जिसे हम यहां लिखना नापसन्द करते हैं, हां इस बातचीत का जो कुछ नतीजा निकला वह अवश्य दिखाया जायेगा क्योंकि नानक के घर की जांच करने ही के लिए तारासिंह का आना इस शहर में हुआ था।

बहुत देर तक बातचीत करने के बाद तारासिंह का नौकर उठ खड़ा हुआ और हनुमान के हाथ में कुछ देकर घर का रास्ता लिया जहां तारासिंह उसके आने का इन्तजार कर रहा था। जब तारासिंह ने नौकर को आते देखा तो पूछा –

तारा - कहो क्या हुआ?

नौकर - सब ठीक है, वह तो आपको देख भी चुकी है।

तारा - हां, रात को जब मैं वहां पानी पी रहा था, टाट का पर्दा हिलते हुए देखा था, तो और भी कुछ हालचाल मालूम हुआ

नौकर - जी हां, बड़ी-बड़ी बातें हुईं, वह तो पूरी खानगी है, कल दोपहर के पहिले मैं आपको उन लोगों के नाम भी बताऊंगा जिनसे उसका ताल्लुक है और उम्मीद है कि कल वह स्वयं बन-ठनकर आपके पास आवे।

तारा - ठीक है, तो क्या तुम्हें उसका नाम भी मालूम हुआ?

नौकर - जी हां, उसका नाम श्यामा है और अपने पति अर्थात् नानक के लिए तो वह रूपगर्विता नायिका है।

तारा - बड़े अफसोस की बात है। निःसन्देह भूतनाथ के लिए यह एक कलंक है। ऐसी औरत का पति इस योग्य नहीं कि हम लोग उसे अपने पास बैठावें या उसका छुआ पानी भी पीएं। खैर अब तुम घर में बैठो मैं गश्त लगाने के लिए जाता हूं।

दूसरे दिन दोपहर के समय तारासिंह का वही नौकर नानक के घर से निकला तथा इधर-उधर से घूमता-फिरता तारासिंह के पास आया और बोला, “आज श्यामा के कई प्रेमियों के नाम मैं लिख लाया हूं।”

तारा - अच्छा बताओ तो सही शायद उन लोगों में से किसी को मैं जानता होऊं या किसी का नाम भी सुना हो।

नौकर - श्यामा के एक प्रेमी का नाम 'जलशायी बाबू' है।

तारा - (गौर करके) जलशायी बाबू को तो मैं जानता हूं, वे तो बड़े नेक और बुद्धिमान हैं।

नौकर - जी हां, वही लम्बे और गोरे से, वे तरह-तरह के कपड़े राजधानी से लाकर उसे दिया करते हैं और दूसरे प्रेमी का नाम 'त्रिभुवन नायक' है और उन्हें महत्त्व की पदवी भी है, और तीसरे प्रेमी का नाम 'मायाप्रसाद' है जो राजा साहब के कोषाध्यक्ष हैं, और चौथे प्रेमी का नाम 'आनन्दवन बिहारी' है। और पांचवें...

तारा - बस - बस-बस, मैं विशेष नाम सुनना पसन्द नहीं करता।

नौकर - जो हुक्म, (एक कागज दिखाकर) मैं तो पचीसों नाम लिख लाया हूं।

तारा - ठीक है, तुम इस फिहरिस्त को अपने पास रक्खो, आवश्यकता पड़ने पर महाराज को दिखाई जायगी, हमारा काम तो उसके आज यहां आ जाने से ही निकल जायगा।

नौकर - जी हां, आज वह यहां जरूर आवेगी, हनुमान मेरे साथ आकर घर देख गया है।

चंद्रकांता संतति

देवकीनन्दन खत्री
Chapters
चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 13 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 10 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चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 13 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 14 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 13 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 14 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 15 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 16 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 17 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 13 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 14 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 15 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 13 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 14 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 15 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 13 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 14 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 24 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 24 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 24 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 24 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 24 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 24 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 24 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 24 / बयान 8