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चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 16

तीनों आदमी कमरे के बाहर निकलकर सहन में आये, उस समय कुमार को मालूम हुआ कि यह कमरा बाग के पूरब तरफ वाली इमारत के सबसे निचले हिस्से में बना हुआ है और इस कमरे के ऊपर और भी दो मंजिल की इमारत है मगर वे दोनों मंजिलें बहुत छोटी थीं और उनके साथ ही दोनों तरफ इमारतों का सिलसिला बराबर चला गया था। दिन चढ़ आया था और नित्यकर्म न किए जाने के कारण कुमारों की तबियत कुछ भारी हो रही थी।

जिस तरह इस तिलिस्म में पहिले-दूसरे बाग के अन्दर नहर की बदौलत पानी की कमी न थी उसी तरह इस बाग में भी नहर का पानी छोटी नालियों के जरिए चारों ओर घूमता हुआ आता था और दस-पांच मेवों के पेड़ भी थे जिनमें बहुतायत के साथ मेवे लगे हुए थे।

दोनों कुमार और भैरोसिंह टहलते हुए बाग के बीचोंबीच से उसी कदम्ब के पेड़ तले आए जिसके नीचे पहिले-पहिल भैरोसिंह के दर्शन हुए थे। बातचीत करने के बाद तीनों ने जरूरी कामों से छुट्टी पा हाथ-मुंह धोकर स्नान किया और संध्योपासन से छुट्टी पाकर बाग के मेवे और नहर के जल से संतोष करने के बाद बैठकर यों बातचीत करने लगे –

इन्द्रजीत - मैं उम्मीद करता हूं कि कमलिनी, किशोरी और कामिनी वगैरह से इसी बाग में मुलाकात होगी।

आनन्द - निःसन्देह ऐसा ही है, इस बाग में अच्छी तरह घूमना और यहां की हर एक बातों का पूरा - पूरा पता लगाना हम लोगों के लिए जरूरी है।

भैरो - मेरा दिल भी यही गवाही देता है कि वे सब जरूर इसी बाग में होंगी मगर कहीं ऐसा न हुआ हो कि मेरी तरह से उन लोगों का दिमाग भी किसी कारण विशेष से बिगड़ गया हो।

इन्द्रजीत - कोई ताज्जुब नहीं अगर ऐसा ही हुआ हो, मगर तुम्हारी जुबानी मैं सुन चुका हूं कि राजा गोपालसिंह ने कमलिनी को बहुत कुछ समझा-बुझाकर एक तिलिस्मी किताब भी दी है।

भैरो - हां बेशक मैं कह चुका हूं और ठीक कह चुका हूं।

इन्द्रजीत - तो यह भी उम्मीद कर सकता हूं कि कमलिनी को इस तिलिस्म का कुछ हाल मालूम हो गया हो और वह किसी के फंदे में न फंसे।

भैरो - इस तिलिस्म में और है ही कौन जो उन लोगों के साथ दगा करेगा?

आनन्द - बहुत ठीक! शायद आप अपनी नौजवान स्त्री और उसके हिमायती लड़कों को बिल्कुल ही भूल गए, या हम लोगों की जुबानी सब हाल सुनकर भी आपको उसका कुछ खयाल न रहा!

भैरो - (मुस्कुराकर) आपका कहना ठीक है मगर उन सभों को...।

इतना कहकर भैरोसिंह चुप हो गया और कुछ सोचने लगा। दोनों कुमार भी किसी बात पर गौर करने लगे और कुछ देर बाद भैरोसिंह ने इन्द्रजीतसिंह से कहा –

भैरो - आपको याद होगा कि लड़कपन में एक दफे मैंने पागलपन की नकल की थी।

इन्द्र - हां याद है, तो क्या आज भी तुम जान-बूझकर पागल बने हुए थे?

भैरो - नहीं-नहीं, मेरे कहने का मतलब यह नहीं बल्कि मैं यह कहता हूं कि इस समय भी उसी तरह का पागल बनके शायद कोई काम निकाल सकूं।

आनन्द - हां ठीक तो है, आप पागल बनके अपनी नौजवान स्त्री को बुलाइए जिस ढंग से मैं बताता हूं।

कुमार के बताए हुए ढंग से भैरोसिंह ने पागल बनके अपनी नौजवान स्त्री को कई दफे बुलाया मगर उसका नतीजा कुछ न निकला, न तो कोई उसके पास आया और न किसी ने उसकी बात का जवाब ही दिया, आखिर इन्द्रजीतसिंह ने कहा, “बस करो, उसे मालूम हो गया कि तुम्हारा पागलपन जाता रहा, अब हम लोगों को फंसाने के लिए वह जरूर कोई दूसरा ही ढंग लावेगी।”

आखिर भैरोसिंह चुप हो रहे और थोड़ी देर बाद तीनों आदमी इधर-उधर का तमाशा देखने के लिए यहां से रवाना हुए। इस समय दिन बहुत कम बाकी था।

तीनों आदमी बाग के पश्चिम तरफ गये जिधर संगमर्मर की एक बारहदरी थी। उसके दोनों तरफ दो इमारतें थीं जिनके दरवाजे बन्द रहने के कारण यह नहीं जाना जाता था कि उसके अन्दर क्या है मगर बारहदरी खुले ढंग की बनी हुई थी अर्थात् उसके पीछे की तरफ दीवानखाना और आगे की तरफ केवल तेरह खम्भे लगे हुए थे जिनमें दरवाजा चढ़ाने की जगह न थी।

इस बारहदरी के मध्य में एक सुन्दर चबूतरा बना हुआ था जिस पर कम-से-कम पन्द्रह आदमी बखूबी बैठ सकते थे। उस चबूतरे के ऊपर बीचोंबीच में लोहे का चौखूटा तख्ता था जिसमें उठाने के लिए कड़ी लगी हुई थी और चबूतरे के सामने की दीवार में एक छोटा-सा दरवाजा था जो इस समय खुला हुआ था और उसके अन्दर दो-चार हाथ के बाद अन्धकार-सा जान पड़ता था। भैरोसिंह ने कुंअर इन्द्रजीतसिंह से कहा, “यदि आज्ञा हो तो इस छोटे-से दरवाजे के अन्दर जाकर देखूं कि इसमें क्या है?'

इन्द्रजीत - यह तिलिस्म का मुकाम है खिलवाड़ नहीं है, कहीं ऐसा न हो कि तुम जाओ और दरवाजा बन्द हो जाय! फिर तुम्हारी क्या हालत होगी सो तुम्हीं सोच लो।

आनन्द - पहिले यह तो देखो कि दरवाजा लकड़ी का है या लोहे का?

इन्द्रजीत - भला तिलिस्म बनाने वाले इमारत के काम में लकड़ी क्यों लगाने लगे जिसके थोड़े ही दिन में बिगड़ जाने का खयाल होता है, मगर शक मिटाने के लिए यदि चाहो तो देख लो।

भैरो - (उस दरवाजे को अच्छी तरह जांचकर) बेशक यह लोहे का बना हुआ है। इसके अन्दर कोई भारी चीज डालकर देखना चाहिए कि बन्द होता है या नहीं, यदि किसी आदमी के जाने से बंद हो जाता होगा तो मालूम हो जाएगा।

आनन्द - (चबूतरे की तरफ इशारा करके) पहिले इस तख्ते को उठाकर देखो कि इसके अन्दर क्या है!

“बहुत अच्छा” यह कह भैरोसिंह चबूतरे के ऊपर चढ़ गया और कड़ी में हाथ डालके उस तख्ते को उठाने लगा। तख्ता किसी कब्जे या पेंच के सहारे उसमें जड़ा हुआ न था बल्कि चारों तरफ से अलग था। इसलिए भैरोसिंह ने उसे उठाकर चबूतरे के नीचे रख दिया, इसके बाद झांककर देखने से मालूम हुआ कि नीचे उतरने के लिए सीढ़ियां बनी हुई हैं।

भैरोसिंह ने नीचे उतरने के लिए आज्ञा मांगी मगर कुंअर इन्द्रजीतसिंह उसे रोककर स्वयं नीचे उतर गये और भैरोसिंह तथा आनन्दसिंह को ऊपर मुस्तैद रहने के लिए ताकीद कर गये।

नीचे उतरने के लिए चक्करदार सीढ़ियां बनी हुई थीं और हर एक सीढ़ी के दोनों तरफ बनावटी पेड़ गेंदे के बने हुए थे जो सीढ़ी पर पैर रखने के साथ ही झुक जाते और पैर (या बोझ) हट जाने से पुनः ज्यों-के-त्यों खड़े हो जाते थे। इस तमाशे को देखते हुए इन्द्रजीतसिंह कई सीढ़ियां नीचे उतर गये और जब अंधेरे में पहुंचे तो एक बन्द दरवाजा मिला जिसे उस समय कुमार ने कुछ खुला हुआ देखा था जब वहां तक पहुंचने में तीन-चार सीढ़ियां बाकी थीं अर्थात् कुमार के देखते ही देखते वह दरवाजा बन्द हो गया था।

कुमार को ताज्जुब मालूम हुआ और जब उद्योग करने पर भी दरवाजा नहीं खुला तो कुमार ऊपर की तरफ लौटे। तीन सीढ़ियां ऊपर चढ़ने के बाद घूमकर देखा तो दरवाजे को पुनः कुछ खुला हुआ देखा मगर जब नीचे उतरे तो फिर बन्द हो गया।

इन्द्रजीतसिंह को विश्वास हो गया कि इस दरवाजे का खुलना और बन्द होना भी इन्हीं सीढ़ियों के आधीन है। आखिर लाचार होकर कुछ सोचते-विचारते चले आए। ऊपर आते समय भी सीढ़ियों के दोनों तरफ वाले पेड़ों की वही दशा हुई अर्थत् जिस सीढ़ी पर पैर रक्खा जाता उसके दोनों तरफ वाले पेड़ झुक जाते और जब उस पर से पैर हट जाता तो फिर ज्यों-के-त्यों हो जाते।

ऊपर आकर इन्द्रजीतसिंह ने कुल हाल आनन्दसिंह और भैरोसिंह से कहा और इस बात पर विचार करने की आज्ञा दी कि 'हम नीचे उतरकर किस तरह उस दरवाजे को खुला हुआ पा सकते हैं।'

थोड़ी देर बाद भैरोसिंह ने कहा, “मैं पेड़ों का मतलब समझ गया, यदि आप मुझे अपने साथ ले चलें तो मैं ऐसी तर्कीब कर सकता हूं कि वह दरवाजा आपको खुला मिले।”

इस समय संध्या हो चुकी थी इसीलिए सभों की राय नीचे उतरने की न हुई। कुमार की आज्ञानुसार भैरोसिंह ने उस गड्ढे का मुंह ज्यों-का-त्यों ढांक दिया और उस बारहदरी में निश्चिन्ती के साथ बैठ बातचीत करने लगे, क्योंकि आज की रात इसी बारहदरी में होशियारी के साथ रहकर बिताने का निश्चय कर लिया था और भैरोसिंह के जिद करने से यह बात भी तै पाई थी कि इन्द्रजीतसिंह आराम के साथ सोएं और भैरोसिंह तथा आनन्दसिंह बारी-बारी से जागकर पहरा दें।

चंद्रकांता संतति

देवकीनन्दन खत्री
Chapters
चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 13 / बयान 13 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 14 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 15 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 13 चंद्रकांता संतति / खंड 4 / भाग 16 / बयान 14 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 13 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 14 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 15 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 16 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 17 / बयान 17 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 18 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 13 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 14 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 19 / बयान 15 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 13 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 14 चंद्रकांता संतति / खंड 5 / भाग 20 / बयान 15 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 5 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 21 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 4 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 6 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 7 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 8 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 9 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 10 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 11 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 12 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 13 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 22 / बयान 14 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 1 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 2 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 3 चंद्रकांता संतति / खंड 6 / भाग 23 / बयान 4 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