फकीर
भला संतनका संग । खावे निजबोधन की भंग । सदर आनंदमो दंग । ऐसा मलंग फकीर ॥ १ ॥
ग्यानके मैदान खडे । समदमसें आन लढे । बहोतांके तखत चढे । ऐसा मलंग फकीर ॥ २ ॥
किया संतनका दुमाल । मेरा तुटा बहु जंजाल । ऐसा एकनाथ कंगाल । ऐसा मलंग फकीर ॥ ३ ॥
भला संतनका संग । खावे निजबोधन की भंग । सदर आनंदमो दंग । ऐसा मलंग फकीर ॥ १ ॥
ग्यानके मैदान खडे । समदमसें आन लढे । बहोतांके तखत चढे । ऐसा मलंग फकीर ॥ २ ॥
किया संतनका दुमाल । मेरा तुटा बहु जंजाल । ऐसा एकनाथ कंगाल । ऐसा मलंग फकीर ॥ ३ ॥